Short Stories In Hindi With moral

Best Hindi Story Collaction Short Stories In Hindi With moral for Kids


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मूर्खता का फल


एक बढ़ई था। एक बार वह लकड़ी के लंबे लट्ठे को आरे से चीर रहा था। उसे इस लट्ठे के दो टुकडे़ करने थे। सामनेवाले पेड़ पर एक बंदर बैठा हुआ था। वह काफी देर से बढ़ई के वर्क को बडे़, ध्यान से देख रहा था। बढ़ई ने दोपहर का भोजन करने के लिये वर्क बंद कर दिया। अब तक लट्ठे का केवल आधा ही भाग चीरा जा चुका था। इसलिए उसने लट्ठे के चिरे हुए हिस्से में एक मोटी सी गुल्ली फँसा दी। इसके बाद वह खाना खाने चला गया।

बढ़ई के जाने के बाद बंदर पेड़ से कूदकर नीचे आया। वह कुछ देर तक इधर-उधर देखता रहा। उसकी नजर लकड़ी की गुल्ली पर गड़ी हुई थी। वह गुल्ली के पास गया और उसे बड़ी उत्सुकता से देखने लगा। वह अपने दोनों पाँव लट्ठे के दोनों ओर लटकाकर उस पर बैठ गया। इस तरह बैठने से उसकी लंबी पूँछ लकडी के चिरे हुए हिस्से में लटक रही थी। उसने बड़ी उत्सुकता से गुल्ली को हिलाडुला कर देखा फिर वह उसे जोर-जोर से हिलाने लगा। अंत में जोर लगा कर उसने गुल्ली खींच निकाली। ज्योंही गुल्ली निकली की लट्ठे के दोनो चिरे हुए हिस्से आपस में चिपक गये। बंदर की पूँछ उसमे बुरी तरह से फंस गयी। दर्द के मारे बंदर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसे बढ़ई का डर भी सता रहा था। वह पूँछ निकालने के लिए छटपटाने लगा। उसने जोर लगाकर उछलने की कोशिश की, तो उसकी पूँछ टूट गयी। अब वह बिना पूँछ का हो गया।  stories in hindi for class 6

Moral Of Story -अनजानी चीजो से छेड़छाड़ करना खतरनाक होता है।


कुत्ते की आदत छूटी


एक बार दो गायें चारा खाने के लिए गौशाला गईं। वहाँ पहुँचने पर अपनी नाँद में उन्हें एक कुत्ता बैठा हुआ दिखाई दिया। गायों को देखकर कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। उसे लगा कि भौंकने से गायें डरकर भाग जाएँगी।

उनमें से एक गाय ने कुत्ते से कहा, “देखो भाई, हमें भूख लगी है। हमें घास खा लेने दो। यह हमारा भोजन है। गाय की बातें सुनकर कुत्ता चिढ़ गया। वह और जोर-जोर से भौंकने लगा। बेचारी गायें वापस लौट आईं।

बाद में एक गाय जाकर एक बैल को बुला लाई। बैल ने कुत्ते से कहा, “अरे भाई, तू तो घास खाता नहीं! यह गायों का चारा है। तू यहाँ से चला जा।”
पर बैल की बात का कुत्ते पर कोई असर नहीं पड़ा। वह जमकर वहीं डटा रहा। यह देखकर बैल को गुस्सा आ गया। वह जोर-जोर डकारने लगा। अपने सींग तानकर वह कुत्ते पर वार करने के लिये तैयार हो गया। कुत्ते ने देखा कि बैल गुस्से में है। इसलिए वह तुरंत दुम दबाकर भाग खड़ा हुआ। stories in hindi good

Moral Of Story -दूसरे की चीज पर अधिकार जताना अच्छा नही।


बाघ की बन आई


एक जंगल मे चार गायें रहती थी। उनमें गाढ़ी मित्रता थी। वे चारों हमेशा साथ-साथ रहती थीं। एक साथ घूमने जाती साथ-साथ चरने जातीं। वे बड़े सुख से रहती थीं। कभी कोई जंगली जानवर उन पर हमला करता, तो वे चारों मिलकर उसका सामना करतीं। और उसे मारकर भगा देतीं।

उसी जंगल में एक बाघ भी रहता था। उसकी नजर इन गायों पर थी वह गायों को मार कर खा जाना चाहता था। लेकिन उनकी एकता देखकर उन पर हमला करने की उसकी हिम्मत नही होती थी।

एक दिन गायों में आपस में झगड़ा हो गया। वे एक-दूसरे से नाराज हो गईं। उस दिन हर गाय अलग-अलग रास्ते से जंगल में चरनें गई। बाघ तो बहुत दिनों से इसी ताक में बैठा था। उसने एक-एक कर सभी गायों को मार डाला और उन्हे खा गया। stories in hindi for grade 1

Moral Of Story -एकता में ही शक्ति है, फूट से ही विनाश होता है।


नकलची कौआ


एक पहाड़ की ऊँची चोटी पर गरूड़ रहता था। पहाड़ की तलहटी में एक बड़ा पेड़ था। पेड़ पर एक कौआ अपना घोंसला बनाकर रहता था। एक दिन तलहटी में कुछ भेंडे़ घास चर रही थीं। गरूड़ की नजर एक मेमने पर पड़ी। वह पहाड़ की चोटी से उड़ा। तलहटी में आकर मेमने पर झपट्टा मारा। उसे चंगुल में लेकर उड़ते हुए वह फिर घोंसले में लौट गया।
गरूड़ का यह पराक्रम देखकर कौए को भी जोश आ गया। उसने सोचा, “यदि गरूड़ ऐसा पराक्रम कर सकता है, तो मैं क्यों नहीं कर सकता?”

दूसरे दिन कौए ने भी एक मेमने को तलहटी में चरते हुए देखा। उसने भी उड़ान भरी और आसमान में जितना ऊपर तक जा सकता था, उड़ता चला गया। फिर उसने मेमने को पकड़ने के लिए गरूड़ की तरह जोर से झपट्टा मारा। मगर मेमने तक पहुँचने की बजाय वह एक चट्टान से जा टकराया। उसका सिर फूट गया, चोंच टूट गई और उसके प्राण-पखेरू उड़ गए। stories in hindi for grade 6

Moral Of Story -बिना सोचे-समझे किसी की नकल करने से बुरा हाल होता है। Short Stories In Hindi With moral


बेवकूफ शेर


एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन उसे बहुत भूख लगी। वह गुफा से बाहर आया और किसी जानवर की तलाश करने लगा। उसे दूर एक पेड़ के नीचे खरगोश दिखाई दिया। वह पेड़ की छाया में मजे से खेल रहा था। शेर खरगोश को पकडने के लिये आगे बढ़ा। खरगोश ने शेर को अपनी ओर आते हुए देखा, तो वह जान बचाने के लिये भागने लगा।

शेर ने उसका पीछा किया और लपककर उसे धर दबोचा। शेर ने ज्योंही खरगोश को मारने के लिए पंजा उठाया कि उसकी निगाह हिरन पर पड़ी। उसने सोचा कि इस नन्हे खरगोश से मेरा पेट भर नही सकता। इससे तो हिरन ही अच्छा रहेगा। शेर ने खरगोश को छोड़ दिया। वह हिरन का पीछा करने लगा। हिरन ने शेर को देखा, तो जोर-जोर से छलाँग लगाता हुआ भाग खड़ा हुआ। शेर हिरन को नही पकड़ सका। उसके पीछे भागते-भागते शेर थक कर चूर हो गया। अंत में उसने हिरन का पीछा करना छोड़ दिया। खरगोश भी हाथ से गया और हिरन भी उसे नहीं मिला। अब शेर खरगोश को छोड़ देने के लिये पछताने लगा। stories in hindi for grade 3

Moral Of Story -आधी छोड़ सारी को धाए, आधी रहे न सारी पाए।


स्वार्थी चमगादड़


बहुत पुरानी बात है। एक बार पशुओं और पक्षियों में झगड़ा हो गया। चमगादड़ों ने इस लड़ाई में किसी का पक्ष नहीं लिया। उन्होंने सोचा, हम पक्षियों की भाँति उड़ते हैं, इसलिए पक्षियों में शामिल हो सकते हैं। मगर पक्षियों की तरह हमारे पंख नही होते हम अंडे़ भी नही देते। इसलिए हम पशु दल में भी शामिल हो सकते हैं। हम पक्षी भी हैं और पशु भी हैं। इसलिए दोनों में से जो पक्ष जीतेगा, उसी में हम मिल जाँएगे। अभी तो हम इस बात का इंतजार करें कि इनमे से कौन जीतता है।

पशुओं और पक्षियों में युद्ध शुरू हुआ। एक बार तो ऐसा लगा कि पशु जीत जाएँगे चमगादड़ों ने सोचा, अब शामिल होने का सही वक्त आ गया है। वे पशुओं के दल में शामिल हो गए। कुछ समय बाद पक्षी-दल जीतने लगा। चमगादड़ों को इससे बड़ा दुःख हुआ। अब वे पशुओं को छोड़कर पक्षी-दल में शामिल हो गए।

अंत में युद्ध खत्म हुआ। पशुओं और पक्षियों ने आपस में संधि कर ली। वे एक-दूसरे के दोस्त बन गए। दोनों ने चमगादड़ों का बहिष्कार कर दिया। स्वार्थी चमगादड़ अकेले पड़ गए।
तब चमगादड़ वहाँ से दूर चले गए और अंधेरे कोटरों में छुप गए। तब से वे अंधेरे कोटरो में ही रहते हैं। केवल शाम के धुँधले में ही वे बाहर निकलते हैं। इस समय पक्षी अपने घोंसलों में लौट आते हैं और जंगली जानवर रात में ही अपनी गुफा से बाहर निकलते हैं। stories in hindi in written

Moral Of Story -स्वार्थी मित्र किसी को अच्छा नहीं लगता।


मूर्ख गधा


एक कुम्हार था। उसने एक कुत्ता और एक गधा पाल रखा था। कुम्हार के मकान के चारों ओर पत्थर की चहारदीवारी थी। कुत्ता रोज चहारदीवारी के अंदर उसके घर और मिट्टी के बर्तनों की रखवाली करता था। गधा अपने मालिक का वजनदार बोझ ढ़ोने का वर्क करता।

गधा कुत्ते से ईष्र्या करता था। वह मन-ही-मन सोचता, “कुत्ते का जीवन कितने आराम का है! केवल चहारदीवारी के भीतर इघर-उधर घूमना और किसी अजनबी को देखकर भौंकना।” ऊपर से मालिक उसे प्यार से थपथपाता है। उसे अच्छा खाना खिलाता है। मैं दिन भर भारी बोझ ढ़ोता फिरता हूँ। बदले में कुम्हार मुझे क्या देता है? वह मेरी पीठ पर डंडे लगाता है और खाने के लिये बचा-खुचा घटिया खाना देता है। यह तो वास्तव में घोर अन्याय है।”

कुछ दिन बाद गधे को विचार आया, “क्यों न मैं भी मालिक को कुत्ते की तरह खुश करने की कोशिश करूँ? मालिक घर लौटता है, तो कुत्ता उसे खुश करने के लिये कितने प्यार से भौंकता है। पूँछ हिलाते हुए उसके पास पहुँचता है। अपने अगले पैर उठाकर उसके शरीर पर रखता है। मुझे भी इसी तरह करना चाहिए। फिर मालिक मुझे भी प्यार करेगा।”
गधा मन-ही-मन सोच रहा था कि उसी समय उसने मालिक को आते हुए देखा। उसके स्वागत में गधा ढींचू-ढींचू करते रेंकने लगा, खुशी से अपनी पूँछ हिलाने लगा। आगे बढ़कर उसने अपने दोनो पैर कुम्हार की जाँघो पर रख दिए।

गधे की इस हरकत से कुम्हार हक्का बक्का रह गया। उसे लगा की गधा पागल हो गया है। उसने मोटा-सा डंडा उठाया और गधे की खूब पिटाई की।
बेचारे गधे ने अपने मालिक को खुश करने की कोशिश की थी, पर बदले में उसे डंडे खाने पडे़। stories in hindi in written

Moral Of Story -किसी से ईष्र्या नहीं करनी चाहिए।

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